पहलगाम फिर रो पड़ा: 22 अप्रैल के आतंकी हमले ने देश को हिला कर रख दिया
पहलगाम की वादियों में गूंजे गोलियों के साए — 22 अप्रैल, 2025 को हुआ एक और कायराना हमला
22 अप्रैल की सुबह जब पूरा देश एक नई हफ्ते की शुरुआत कर रहा था, तब जम्मू-कश्मीर की जन्नत कही जाने वाली पहलगाम की वादियों में आतंक ने एक बार फिर अपनी डरावनी दस्तक दी। आतंकियों ने एक टूरिस्ट वाहन को निशाना बनाकर अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें कई निर्दोष घायल हुए और अफसोस की बात — एक जवान ने शहादत दी।
💔 कौन लोग थे निशाने पर?
इस बार निशाना बने पर्यटक और सुरक्षा बल। आतंकियों की ये नई रणनीति साफ दिखाती है कि वे अब सिर्फ सेना नहीं, आम नागरिकों और देश की शांति पर हमला करना चाहते हैं।
🛑 हमला क्यों हुआ?
इस तरह के हमले किसी भी साजिश का हिस्सा हो सकते हैं —
टूरिज्म सीज़न को नुकसान पहुंचाने के लिए
घाटी में अस्थिरता फैलाने के लिए
और सबसे बड़ा कारण — भारत के बढ़ते आत्मविश्वास को झटका देने के लिए।
🧠 हमें क्या समझने की जरूरत है?
जब भी आतंकी हमला होता है, हम सिर्फ TV पर न्यूज देख कर आगे बढ़ जाते हैं। लेकिन उन जवानों का क्या जो हर पल अपनी जान की बाज़ी लगा रहे हैं? उन परिवारों का क्या जो अपनों को खो रहे हैं?
🇮🇳 अब वक्त है — सिर्फ दुख जताने का नहीं, जागने का
सोशल मीडिया पर आवाज़ उठाओ — शांति और सुरक्षा की मांग करो।
पर्यटन का बहिष्कार मत करो — ये आतंक की जीत होगी।
सैनिकों के परिवारों को सपोर्ट करो — सिर्फ सरकार की नहीं, हमारी भी ज़िम्मेदारी है।
🌍 पहलगाम को डर से नहीं, प्यार से बचाना है
जहां गोलियां चलीं, वहीं कल फिर बच्चे हँसेंगे — यही भारत की आत्मा है।
हम एकजुट होकर आतंक के इस अंधकार को हरा सकते हैं।
📢 "अब हर भारतीय की आवाज़ होनी चाहिए: Enough is Enough."
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